The Ultimate Guide To Shodashi

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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।

सर्वेषां ध्यानमात्रात्सवितुरुदरगा चोदयन्ती मनीषां

A singular element of your temple is souls from any religion can and do offer puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from many religions and cultures.

Shodashi is deeply connected to The trail of Tantra, the place she guides practitioners towards self-realization and spiritual liberation. In Tantra, she's celebrated given that the embodiment of Sri Vidya, the sacred information that contributes to enlightenment.

पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं  सौः

गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

It's need that turns the wheel of karma,  Which retains us in duality.  It really is Shodashi who epitomizes the  burning and sublimation of these needs.  It really is she who enables the Doing the job away from aged  karmic designs, resulting in emancipation and soul independence.

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

यत्र श्रीत्रिपुर-मालिनी विजयते नित्यं निगर्भा स्तुता

These gatherings are not simply about particular person spirituality and also about reinforcing the communal bonds via shared ordeals.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ read more देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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